क्या है बेनामी सम्पति
बेनामी सम्पति वह है जो व्यक्ति किसी सम्पति को अपने नाम पर किसी सम्पति का कर्य न करके किसी दुसरे के नाम से सम्पति कर्य करता है और जिसका सभी फायदा पहले कर्य किये गए व्यक्ति को होता है
बेनामी सम्पति वह सम्पति है जिसकी कीमत किसी पहले व्यक्ति ने चुकाई होती है परन्तु किसी दुसरे व्यक्ति के द्वारा उस कीमत का भुगतान किया गया होता है इस सम्पति को किसी रिश्तेदार , पत्नी या बचों के नाम पर लिया जाता है इस सम्पति को बेनामी सम्पति कहा जाता है
भारत सरकार ने बेनामी सम्पति कानून 1988 में संशोधन किया गया और यह कानून 1 नवंम्बर 2016 से लागु किया गया जिसका मुख्य उद्देश्य था की बढ़ते हुए काले धन को रोका जा सके और सम्पति में लगाए जा रहे काले धन रोका जा सके
संसद ने अगस्त 2016 को बेनामी सौदा निषेध कानून पास किया जिसमे चल रहे मौजूदा बेनामी सौदे कानून 1988 का नाम बदलकर बेनामी सम्पति लेनदेन निषेध 2016 कर दिया गया इसमें बेनामी सम्पति को जब्त करना और सील करने के सभी अधिकार दिए गए है
बेनामी सम्पति में क्या शामिल किया जा सकता है
इसमें सभी प्रकार के किये गए transaction शामिल होते है जो किसी दुसरे व्यक्ति के लिए विक्रय किये जाते है इसमें किसी वस्तु का कर्य . चल व् अचल सम्पति या कोई अधिकार या फिर शेयर्स ख़रीदे गए हो इसमें इस प्रकार की सभी transaction भी शामिल है
यदि कोई व्यक्ति अपने बच्चे या पत्नी या रिश्तेदार के नाम से प्रॉपर्टी खरीद रहा है तब यह सम्पति बेनामी सम्पति कही जाती है जिसमे व्यक्ति के आय का मुख्य जरिया उसकी बताई गई आय नहीं होती किसी अन्य जरिये से कमाई गई धन को शामिल किया जाता है तब यह सम्पति भी बेनामी सम्पति कही जाती है यदि वह अपनी बताई गई आय में से अम्पति कर्य करता है तब यह सम्पति उसकी सम्पति होती है
व्यक्ति सम्पति परिवार के किसी भी सदस्य के या रिश्तेरदार के नाम से वह सम्पति खरीदता है तब यह सम्पति बेनामी सम्पति कही जाती है इसमें व्यक्ति उस सम्पति का उपभोग कर सकता है परन्तु वह कानूनी रूप से उसका हक़दार नहीं होता है
बेनामी सम्पति कानून 1988 में संशोधन करके इसे 1 नवम्बर 2016 से लागु किया गया है इसके अंतर्गत केंद्र सरकार के पास यह अधिकार प्राप्त है की वह बेनामी सम्पति को जब्त कर सकती है और सील भी कर सकती है
क्या है बेनामी सम्पति
सजा व् जुरमाना
जब व्यक्ति किसी बेनामी सम्पति को खरीद लेता है और उस बेनामी सम्पति खरीद के लिए व्यक्ति पर जाँच होती है तब उस व्यक्ति को सात साल तक की सजा भी हो सकती है और सम्पति मार्किट वैल्यू के 25% के बराबर जुरमाना भी लगाया जा सकता है
गलत जानकारी देना
यदि किसी व्यक्ति की सम्पति की जाँच की जाती है और जाँच अधिकारी को गलत जानकारी दी जाती है तब व्यक्ति पर मार्किट वैल्यू का 10% के बराबर का जुरमाना लगाया जा सकता है और उसे इसके लिए 5 साल तक की सजा भी हो सकती है
वैध सम्पति
- यदि एक व्यक्ति अपनी पत्नी व् बचे या रिश्तेदार के नाम पर सम्पति खरीदता है और वह सब जानकारी अपने आय के श्रोतो में बताई गई जानकारी के हिसाब से देता है तब वह सम्पति वैध सम्पति मानी जाती है
- एक हिन्दू undivided family HUF के द्वारा विक्रय की गई सम्पति जो इनकम सोर्स से दिखाई गई है वह सम्पति भी वैध सम्पति कही जाती है
- किसी साझेदारी फर्म की इनकम सोर्स के द्वारा खरीदी गई सम्पति वैध सम्पति है
असल सम्पति मालिक
सरकार द्वारा नए सम्पति कानून में व्यक्ति को अपनी विक्रय की गई सभी सम्पति के साथ आपने आधार कार्ड व् पैन कार्ड जोड़ने होते है ताकि जब कभी सरकार द्वारा किसी सम्पति के विषय में जानकारी लेना चाहे तब उस व्यक्ति को नोटिस भेजा जायेगा जिससे यह पता चल जाये की सम्पति का उसी मालिक वही व्यक्ति की है जिसके नाम पर सम्पति पंजीकर्त है या कोई और
इस तरह से बेनामी सम्पति मालिक का पता लगाया जा सकेगा या उस सम्पति को जब्त कर लिया जायेगा या उसे सील कर दिया जायेगा
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