प्रॉपर्टी ट्रान्सफर कैसे करे Property Transfer

प्रॉपर्टी ट्रान्सफर कैसे करे Property Transfer

प्रॉपर्टी ट्रान्सफर कैसे करे Property Transfer

प्रॉपर्टी ट्रान्सफर कैसे करे Property Transfer

एक व्यति अपनी परिस्थितियो के अनुसार ही अपनी सम्पति ट्रान्सफर करता है और व्यक्ति के पास ऐसे ही 4 चार विकल्प मौजूद है जिसके द्वारा एक व्यक्ति अपनी सम्पति को हस्तांतरित ट्रान्सफर कर सकता है इस विकल्पों को जानना आवश्यक है

 

  1. Sale Deed या बिक्रीनामा

किसी प्रॉपर्टी को दुसरे के नाम ट्रान्सफर करने के लिए इस Deed का उपयोग किया जाता है जिसके नाम प्रॉपर्टी ट्रान्सफर की गई है उस दिन से वह उस प्रॉपर्टी का नया व् असली मालिक माना जाता है इसके लिए सब rajistrar से रजिस्टर्ड करवाना होता है रजिस्ट्री के वक्त प्रॉपर्टी किसी आपसी सम्बन्ध में न हो तब यह रजिस्ट्री रजिस्टर्ड मानी जाती है रजिस्ट्री के बाद से ही यह मान लिया जाता है की पुराने मालिक द्वारा प्रॉपर्टी बेच दी गई है व् अब नया मालिक ही उसका सम्पति का असल मालिक माना जायेगा रजिस्ट्री के द्वारा किसी तरह की धोखाधड़ी से बचा जा सकता है इसी सम्पति ट्रान्सफर को बिक्रीनामा sale Deed कहा जाता है

 

बिक्रीनामा करते वक्त ध्यान रखने योग्य बाते

  1. बिक्रीनामा दस्तावेज लिखित में होना चाहिए
  2. इसमें लिखित तौर पर सभी शर्ते व् प्रॉपर्टी की दाम लिखित होनी चाहिए
  3. दोनों पक्षों के id प्रूफ व् दोनों पार्टीज की तरफ से दो दो गवाह व् उनके id प्रूफ होने चाहिए
  4. बेचीं जाने वाली प्रॉपर्टी कहा स्थित है व् किस दिशा से प्रॉपर्टी को बेचा जा रहा है या ख़रीदा जा रहा है
  5. उस जगह व् दिशा में बेचीं व् खरीदी जाने वाली प्रॉपर्टी के लिए दोनों पक्ष सहमत होने चाहिए
  6. प्रॉपर्टी की जो कीमत ली जा रही है या दी जा रही है वह सरकार द्वारा तय किये गए सर्किल रेट से बाहर तो नहीं है
  7. प्रोपटी की कीमत किस तरह से चुकानी है जैसे पमेंट मोड – केश / चेक के द्वारा दी जानी है
  8. स्टाम्प ड्यूटी हर राज्य के अनुसार अलग अलग होती है इसकी ड्यूटी प्रॉपर्टी के आधार के अनुसार से लगी होती है व् प्रॉपर्टी का कितना हिस्सा बना हुआ है उसकी कीमत भी लिखी जाती है तब यह सब मिला कर स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान किया जाता है
  9. कभी कभी कुछ व्यक्ति टैक्स बचाने के लिए प्रॉपर्टी की कीमत कम लिखवाई जाती है जिससे स्टाम्प ड्यूटी पर लगने वाला टैक्स कम किया जा सके ऐसा नहीं करना चाहिए इससे आगे चलकर आपको दिक्कतों का सामना करना पड सकता है
  10. जब कभी व्यक्ति प्रोपटी को खरीदते वक्त उसकी कीमत कम लिखवाता है जिससे वह स्टाम्प ड्यूटी में टैक्स कम किया जा सके और अगर वह जमीन किसी वजह से विवादित होती है तब उस प्रॉपर्टी की वही कीमत दी जाती है जो प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के समय कीमत लिखी गई है

 

प्रॉपर्टी ट्रान्सफर कैसे करे Property Transfer

 

  1. Gift Deed या दान

गिफ्ट Deed तब बंनायी जाती है जब व्यक्ति अपनी मर्जी से किसी दुसरे व्यक्ति को अपनी चल या अचल सम्पति दान में देता है इसमें भी आपको अपनी अचल सम्पति गिफ्ट करते वक्त इसे रजिस्टर्ड करवाना अनिवार्य होता है यह Deed रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 के सेक्शन 17 के अनुसार आपको आपकी प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है व् भातीय सम्पति हस्तांतरण अधिनियम transfer of property act के section 122 के द्वारा व्यक्ति अपनी मर्जी से चल व् अचल सम्पति को किसी दुसरे व्यक्ति को गिफ्ट / दान में दे सकता है यह इस धारा के तहत दान कहलाता है

Gift Deed करते वक्त ध्यान रखने योग्य बाते

  1. इसमें दान कर्ता द्वारा चल व् अचल सम्पति का दान अपनी मर्जी से किया जाना चाहिए
  2. गिफ्ट Deed को रजिस्टर्ड करवाना अनिवार्य है
  3. इसमें भी स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान करना होता है
  4. दान कर्ता द्वारा दान की जाने वाली चल व् अचल सम्पति किसी सम्बन्धी रिश्तेदार को किया जा सकता है जिसमे उसके भाई बहन , पति / पत्नी के भाई बहन , माता पिता को कर सकता है
  5. दान कर्ता इसमें दान ग्रहीता से किसी भी तरह की कोई कीमत नहीं लेता
  6. गिफ्ट Deed रजिस्टर्ड होने के पश्चात् इसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकता
  7. यदि किसी प्रकार की धोखाधड़ी होती है तब इसमें व्यक्ति अपने जीते जी अपनी सम्पति को वापस पाना चाहता है तब उसे यह सम्पति कोर्ट के माध्यम से वापिस लेनी होगी

 

  1. Relinquish Deed या त्यागनामा

त्यागनामा तब किया जाता है जब एक परिवार के सभी व्यक्ति उस सम्पति में सह मालिक होते है तब उसमे से एक व्यक्ति अपना हिस्सा / हक़ / अधिकार छोड़ना चाहता है तब त्यागनामा बनवाया जाता है त्यागनामा प्रॉपर्टी ट्रान्सफर का आसान तरीका है

 

Relinquish Deed या त्यागनामा करते वक्त ध्यान रखने योग्य बाते

  1. इसमें व्यक्ति अपनी इच्छा से अपने अधिकार का त्याग करता है
  2. त्यागनामा बनवाने के लिए दो गवाहों की आवश्यकता होती है
  3. सभी दस्तावेजो को attest करने के बाद इसे रजिस्टर्ड करवाना होता है
  4. त्यागनामा बनने के बाद व् इसके रजिस्टर्ड होने के बाद इसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकता
  5. इसमें भी स्टाम्प ड्यूटी टैक्स का भुगतान करना होता है

 

  1. Will या वसीयत

वसीयत किसी व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करती है की वह अपनी मृत्यु के बाद किसे अपना उतराधिकारी घोषित करना चाहता है व् अपनी सम्पति किसे बांटना चाहता है यह प्रॉपर्टी ट्रान्सफर का सबसे आसान व् सस्ता तरीका है इसमें वसीयतकर्ता / अनुदान कर्ता को testator कहा जाता है व् जिस व्यक्ति को यह वसीयत की जा रही है उसे अनुदान गृहीता बेनेफिसिअरी कहा जाता है वसीयत कर्ता अपनी सम्पति के लिए किसी सरक्षक कर्ता नियुक्त कर सकता है तो उसे निष्पादक कर्ता executor कहा जाता है

वसीयत एक कानूनी दस्तावेज है जिसे वसीयत कर्ता अपनी मृत्यु के बाद अपनी सारी सपति देना चाहता है उसमे उस व्यक्ति या व्यक्तिओ के नाम लिखित रूप से होने चाहिए

दो तरह की वसीयत होती है

  1. विशेष अधिकार इच्छा पत्र
  2. विशेष अधिकार रहित इच्छा पत्र

 

Will या वसीयत करते वक्त ध्यान रखने योग्य बाते

  1. वसीयत कर्ता की आयु 18 साल से अधिक होनी चाहिए
  2. जिस सम्पति की आप वसीयत कर रहे हो वह सम्पति आपकी खरीदी हुई होनी चाहिए या आपको विरासत में मिली हो
  3. वसीयत को लिखित रूप में होना आवश्यक है
  4. वसीयत में दो गवाहों सहित attest व् रजिस्टर्ड हो
  5. वसीयत की लिखित प्रति/ कॉपी एक आपके पास व् दूसरी रजिस्ट्रार के पास होनी चाहिए
  6. इसमें व्यक्ति को कुछ मूल्य के अनुसार स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान करना होता है
  7. इसमें व्यक्ति अपनी मर्जी से अपने सभी उत्तराधिकारियो में सामान रूप से अपनी सम्पति का विभाजन कर सकता है

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