Law-on-Assault-Section-323-324-325-326

मारपीट पर कानून  Section 323,324,325,326

मारपीट पर कानून  Section 323,324,325,326

मारपीट पर कानून  Section 323,324,325,326

 

मारपीट के मामले आजकल बहुत ही तेजी से बढ़ते जा रहे है इसमें व्यक्ति के साथ मारपीट करना उसे चोटिल/ जख्मी कर देना शामिल है इसमें व्यक्ति के पास कानूनी प्रावधान होते है जिसका प्रयोग करके व्यक्ति अभियुक्त के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा सकता है इसमें निम्न कानूनी धाराओ का प्रयोग कर सकता है

ipc सेक्शन 323 – किसी व्यक्ति के साथ की गई मारपीट के लिए व्यक्ति पर धारा 323 के तहत केस दर्ज करवा सकता है और मारपीट के पश्चात पीड़ित को अपनी मेडिकल MLC जाँच करवा लेनी चाहिए जिससे कोर्ट में सुनवाई के दौरान साबुत के तौर पर MLC मेडिकल लीगल सर्टिफिकेट लगाया जा सके मारपीट के बाद MLC किसी भी डॉक्टर से करायी जा सकती है

ipc सेक्शन 324 – ipc की धारा 324 के तहत मामला गंभीर किस्म का तथा संग्य प्रकर्ति का अपराध होता है जिसमे पीड़ित को किसी घातक हथियार से जख्मी किया जाता है इसकी शिकायत के लिए पीड़ित सीधे FIR दर्ज करवा सकता है यह गैरजमानती अपराध की श्रेणी में आता है यदि अभियुक्त को दोषी करार कर दिया जाता है तब उसे तीन साल तक की सजा हो सकती है यह अपराध गैर समझोता वादी है और बाद में दोनों पक्षों में समझोता हो भी जाता है तब भी FIR को कोर्ट की मंजूरी से ही ख़तम किया जा सकता है

ipc सेक्शन 325 – ipc की धारा 325 के तहत यदि किसी व्यक्ति को गंभीर चोट पहुंचाई जाती है तब यह मामला ipc 325 के तहत दर्ज किया जाता है यह मामला संग्य होता है परन्तु समझोता वादी तथा जमानतीय भी होता है

ipc सेक्शन 326 – धारा 326 के तहत अगर किसी व्यक्ति को किसी घातक हथियार से गंभीर रूपं से घायल कर देता है या उसके शारीर का कोई अंग कट जाता है जिसमे दांत तोड़ देना या चाकू मरना हो सकता है या किसी धारधार हथियार से हमला करना जिसमे जान का खतरा उत्पन हो जाता है तब यह मामला ipc सेक्शन 326 के तहत दर्ज किया जा सकता है यह अपराध गैर जमानतीय व् गैर समझोता वादी होता है और इस अपराध के लिए 10 साल के लिए सजा या उम्रकैद का प्रावधान है

ipc सेक्शन 307 – कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की जान लेने के लिए इरादान हमला करता है इसमें हत्या का मामला प्रयास शामिल होता है इसमें दोषी व्यक्ति के विरुद्ध ipc की धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया जाता है और उसे उम्रकैद भी हो सकती है

ipc सेक्शन 308 – ipc की धारा 308 के तहत किसी व्यक्ति पर हमला किया जाता है और उसकी जान का खतरा उत्पन हो जाता है परन्तु उसकी जान लेने की मंशा नहीं होती या गैर इरादतन होती है ऐसे में व्यक्ति को दोषी करार देने पर सात साल की सजा का प्रावधान है

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