What is Zero FIR जीरो FIR क्या होती है
fir का मतलब first information report प्राथमिक सुचना रिपोर्ट से है परन्तु fir में और जीरो fir में अंतर होता है क्योकि fir उसी स्थानीय सीमा के भीतर दर्ज करवाई जाती है जिस सीमा के भीतर अपराध हुआ हो और जीरो fir उस स्थानीय सीमा के बहार के स्थान पर दर्ज करवाई जाती है fir दर्ज होने के बाद उस स्थानीय क्षेत्र से सम्बंधित अधिकारी क्षेत्र में केस हस्तांतरित कर दिया जाता है इसे ही जीरो एफआईआर कहते है जो स्थानीय सीमा से बाहर दर्ज करवाई जाती है
इसमें घटना की अपराध संख्या दर्ज नहीं की जाती है क्योंकि केस घंटना वाले स्थल पर दर्ज नहीं होता है इसलिए इसका तत्काल संख्या नम्बर नहीं दिया जाता है परन्तु जब मामले को घटना वाले स्थल क्षेत्र पर स्थानांतरित कर दिया जाता है तब उस समय इसका संख्या नंबर दर्ज कर लिया जाता है
ZERO FIR की जरुरत
2012 में जस्टिस वर्मा की कमेटी द्वारा इस तरह का कानून बनाने एंव कानून में संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया जिससे किसी भी स्थान पर अपराध होने पर किसी भी क्षेत्राधिकार में fir करवाई जा सके और तुरंत कार्यवाही शुरू करवाई जा सके जिससे उसी समय पर पुलिस अधिकारी द्वारा तुरंत एक्शन लिया जा सके What is Zero FIR जीरो FIR क्या होती है
संग्य अपराध cognizable offence
जीरो fir की जरुरत सबसे ज्यादा संग्य अपराधो में करवाई जाती है संग्य अपराध वह अपराध है जिनमे किसी व्यक्ति के साथ जघन्य अपराध किया जाता है इन अपराधो में मुख्य रूप से हत्या , बलात्कार , जान लेवा हमला करना शामिल है और इस अपराध के लिए crpc के सेक्शन 154 के तहत सीधे रिपोर्ट दर्ज करवाई जा सकती है What is Zero FIR जीरो FIR क्या होती है
मोटिव motive
जीरो fir का फायदा यह होता है की जिस समय जिस स्थान पर संग्य अपराध घटित होता है उसकी सुचना उसी समय पर हो जाने से तुरंत कार्यवाही प्रारंभ कर दी जाती है जिससे उस घटना का समय रहते निदान कर लिया जाये इस तरह की जीरो fir सबसे ज्यादा महिलायों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए की जा सकती है जिससे उनके साथ घटित हुए अपराध संग्य जनक अपराध को उसी समय सबूतों के साथ उसका संज्ञान लिया जा सके इससे पुलिस अधिकारियो को एक्शन लेने के लिए बाध्य होना पड़ता है और घटना में देरी से बचा जा सकता है
quick action
जब कभी कोई संग्य अपराध का मामला थाने में आता है तब अधिकारिओ का यह प्राथमिक कर्तव्य होता है की वह उसकी fir दर्ज करे चाहे वह अपराध उसकी सीमा क्षेत्र के भीतर हुआ हो या न हो उस थाने के अधिकारी को जीरो fir दर्ज करनी होती है और तुरंत प्राथमिकी जाँच शुरू कर देता है जिससे की घटना पर हुए अपराधो के सबूतों को समय से बचाया जा सके पुलिस की प्राथमिक जाँच के बाद उसकी रिपोर्ट को संबधित थाने में हस्तांतरित कर दिया जाता है इसी प्रक्रिया को जीरो fir कहा जाता है
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