FIR क्या होती है What is FIR
FIR
FIR का मतलब first information report प्राथमिक सुचना रिपोर्ट से है जिसमे पहले पुलिस को सूचित किया जाता है की किसी प्रकार का कृत्य घटित हुआ है इसमें यदि आपका किसी भी प्रकार का सामान चोरी होता है और यदि आपने उस सामान का बिमा करवा रखा होता है तो उसके जरीय आपको क्लेम करने में मदद मिल जाती है और अन्य किसी भी प्रकार का अपराध होता है तो FIR के द्वारा पुलिस प्राथमिक जाँच शुरू कर देती है और दोषी का पता लगाया जा सकता है जिसमे समय रहते कार्यवाही को पूरा किया जा सकता है इसके आलावा यदि आपकी कोई और जिस चीज खो जाती है या चोरी हो जाती है जैसे मोबाइल फ़ोन, आपका id card खो जाता है या चोरी हो जाता है और उस चीज का दुरूपयोग कर सकता है इसमें किसी अन्य व्यक्ति को धमकी भरे मेसेज या कॉल कर सकता है और उसका किसी भी प्रकार से दुरूपयोग कर सकता तब आप उस अपराध में फस सकते हो जो आपने किया ही नहीं इन अपराधो से बचने के लिए भी fir आपकी मदद करती है
FIR कैसे दर्ज करवाए
FIR को आप सीधे अपने नजदीकी थाने में जाकर दर्ज करवा सकते है आपकी तरफ से आपका कोई रिश्तेदार भी fir दर्ज करवा सकता है और इसके आलावा अब आप इसे इलेक्ट्रॉनिक या ऑनलाइन रूप से भी दर्ज करवा सकते है जिसमे थाने से स्टाम्प को लगाकर उसकी एक कॉपी अपने पास रखना आवश्यक है जिससे आप भविष्य में होने वाले अपराधो से अपने आप को सुरक्षित रख सकते है FIR क्या होती है What is FIR
FIR किन अपराधो में करवाई जा सकती है –
किसी भी मामले में fir दर्ज करवाने और केस दर्ज करने से पहले यह जानना बेहद जरुरी है की मामला किस प्रकर्ती का है कुछ अपराध बेहद जघन्य प्रकर्ति के होते है तथा कुछ सामान्य प्रकर्ति के होते है FIR क्या होती है What is FIR
अपराध दो प्रकार के होते है इसमें
- Non-Cognizable Offence असम्ग्य अपराध है – इसमें मामूली तौर के अपराध सम्मिलित है
- Cognizable Offence संग्य अपराध है – इसमें गंभीर किस्म के अपराध शामिल होते है जिसकी कार्यवाही तुरंत की जाती है
असंग्य अपराध non-cognizable offence
असंग्य अपराध वह अपराध है जिनमे मामूली तौर पर अपराध किये जाते है जिसमे मारपीट , छिना झपटी , आदि आते है इसमें सीधे तौर पर fir दर्ज नहीं होती बल्कि इसमें पहले मामला मजिस्ट्रेट को रेफर कर किया जाता है उसके बाद magistrate आरोपी व्यक्ति के खिलाफ समन जारी करता है और आगे की कार्यवाही को बढाया जाता है
संग्य अपराध cognizable offence
fir की जरुरत सबसे ज्यादा संग्य अपराधो में की जाती है संग्य अपराध इस प्रकर्ति के अपराध होते है जिसमे व्यक्ति के साथ जघन्य अपराध किया जाता है और पीड़ा दायक होता है इन अपराधो में मुख्य रूप से जान लेवा हमला, हत्या (murder) , बलात्कार (rape) करना शामिल है और इस तरह के अपराधो के लिए भारतीय दंड प्रक्रिया CRPC की धारा सेक्शन 154 के तहत सीधे रिपोर्ट दर्ज करवाई जाती है
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