Self Defense आत्म रक्षा का अधिकार

Self Defense आत्म रक्षा का अधिकार

Self Defense आत्म रक्षा का अधिकार

Self Defense आत्म रक्षा का अधिकार

कानून द्वारा प्रत्येक व्यक्ति को आत्म रक्षा क आधिकार प्रदान किया गया है जिसमे व्यक्ति समय आने पर परिस्तिथियों का सामना कर सके और अपने परिवारजन जिनमे उसकी पत्नी , उसके बचचे , माता पिता , सगे सम्बन्धी , एंव अपनी संपत्ति को बचाने के लिए फाइट कर सकता है

आत्मरक्षा के अधिकार में व्यक्ति को अपना बचाव करने में और किसी और को कितना नुकसान पहुँचाना चाहिए उतना ही जरुरी माना जाता है जितना व्यक्ति की आत्मरक्षा के लिए जरुरी हो

यदि अपराधी किसी के घर में चोरी या लूटपाट के इरादे से किसी व्यक्ति के घर में घुस जाते है और घर के मालिक व् परिवार वालो की जान का खतरा हो जाता है तब मालिक अपनी व् अपने परिवार की रक्षा के लिए किसी भी वस्तु का प्रयोग कर सकता है जिसमे डंडा शामिल हो सकता है यदि चोरो के पास किसी तरह का हथियार जैसे चाकू या पिस्तोल हो तब व्यक्ति भी अपनी रक्षा में किसी हथियार का जिसमे डराने के लिए चाकू, बन्दुक शामिल है का प्रयोग कर सकता है और यदि पिस्तौल से गोली लगने से किसी चोर की मृत्यु हो जाती है तब व्यक्ति को यह साबित करना होता है की चोरो के पास भी बंदूके थी और उसने अपनी और अपने परिवार की प्रतिरक्षा में गोली चलाई थी

ipc की धारा 96 से 106 तक सेल्फ डिफेंस के बारे में बताया गया है

धारा 96 में सेल्फ डिफेन्स की बात को बताया गया है

धारा 97 में व्यक्ति को अपने शरीर व् संपत्ति की रक्षा का अधिकार है अगर कोई व्यक्ति शरीर पर या संपत्ति पर किसी भी प्रकार का आघात पहुंचाता है तब व्यक्ति को इसकी जवाबी कार्यवाही करने का पूर्ण अधिकार है

धारा 99 के तहत किसी अपराधी को उतनी ही क्षति पहुंचाई जा सकती है जितनी अपनी आत्मरक्षा के लिए व्यक्ति को प्रयाप्त हो आत्मरक्षा में यदि डंडो का प्रयोग करके बचाव किया जा सकता है तो उतनी ही आत्मरक्षा प्रयाप्त है न की बन्दुक या हथियार का इस्तेमाल किया जाना

धारा 100 के अनुसार अगर किसी अपराधी वारदात पर ही मृत्यु हो जाती है जिसमे संग्य अपराध शामिल होते है जैसे व्यति को गोली मरना, दुराचार करना,  बलात्कार करना , अपहरण करना इत्यादि ऐसे में धारा 100 का प्रयोग किया जा सकता है परन्तु यह व्यक्ति को साबित करना होता है की उसने अपराधीयो को डराने के लिए व् अपनी आत्मरक्षा में गोली चलाई थी  , Self Defense आत्म रक्षा का अधिकार

अपराधियों पर अन्य लोग / भीड़ द्वारा मारपीट

अक्सर देखा जाता है की गली मोहल्ले में किसी व्यक्ति को किसी अपराध जैसे छेडाछाडी.  झपटमारी आदि के लिए मोहल्ले के लोग व् वहा की भीड़ द्वारा अपराधी व्यक्ति के साथ बुरी तरह से मारपीट की जाती है लेकिन कानूनी रूप से देखा जाये तो भीडभाड को अपराधी के साथ मारपीट नहीं करनी चाहिए जबकि अपराधी को पकड़कर पुलिस के हवाले कर देना चाहिए धारा 43 में किसी अपराधी द्वारा किसी वारदात को अंजाम देने से पहले ही अगर भीढ़ उसे पकड़ लेती है और पुलिस के हवाले कर देती है तब उसे कानून द्वारा सजा दिलाई जा सकती है  , Self Defense आत्म रक्षा का अधिकार

 

 

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