Special Marriage Act 1954 Vishesh Vivah Adhiniyam in Hindi
इस पोस्ट में हम जानेंगे की विशेष विवाह अधिनियम 1954 क्या है व् विवाह कितने प्रकार के होते है इसकी मुख्य व् आवश्यक बाते एंव इसके आवेदन की प्रकिर्या क्या है
विशेष विवाह अधिनियम 1954 के अंतर्गत 8 अध्याय व् 51 धाराए एंव 5 अनुसूचियां है इसके अंतर्गत वह सभी व्यक्ति विवाह कर सकते है जो इस अधिनियम के अंतर्गत विवाह के लिए सक्षम है
विशेष विवाह अधिनियम 1954 क्या है
जब किसी दो पक्षों का विवाह किया जाता है तब उसे अपने अपने धर्म के अनुसार ही विवाह को पंजीकर्त करवाया जाता है हिन्दू द्वारा किया गया विवाह हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 द्वारा पंजीकर्त करवाया जाता है
मुस्लिम विवाह को निकाह के आधार पर रजिस्टर्ड करवाया जा सकता है
विशेष विवाह अधिनियम में किसी भी धर्म जाती का लड़का या लड़की अपनी पसन्द से विवाह कर सकते है इसमें लड़के या लड़की को अपना धर्म छोड़ना नहीं पड़ता और वह स्वतंत्र रूप से अपने विवाह को पंजीकर्त करवा सकते है
Special Marriage Act 1954 vishesh vivah adhiniyam in Hindi
विवाह के प्रकार
- हिन्दू विवाह अधिनियम 1955
- मुस्लिम विवाह अधिनियम 1955
- विशेष विवाह अधिनियम 1954
हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 में हिन्दू रीती रिवाजो के आधार पर विवाह किया जाता है विवाह के लिए लड़का व् लड़की दोनों अविवाहित होने चाहिए या उन दोनों में से किसी का पहले विवाह हुआ है तो पहले विवाह से सम्बन्ध समाप्त हो चूका हो जिससे वह बाद में विवाह कर सके
मुस्लिम विवाह अधिनियम 1955 में भी रिवाजो को निभाते हुए निकाह किया जाता है व् दोनों पक्ष prohibited होने चाहिए जिसमें रक्त सम्बन्ध नहीं होना चाहिए तब वह निकाह कर सके
विशेष विवाह अधिनियम 1954 के अनुसार सभी व्यक्तियों को समान रूप से अधिकार दिया गया है की वह किसी भी समुदाय, धर्म, जाति के व्यक्ति के साथ विवाह करने के लिए स्वतंत्र है
विशेष विवाह के लिए मुख्य व् आवश्यक बाते
- विवाह के लिए लड़के की आयु 21 वर्ष व् लड़की की आयु 18 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए
- विवाह के समय दोनों पक्षों का पहले साथी के साथ सम्बन्ध समाप्त / तलाक होना चाहिए
- दोनों पक्षों की आपसी सहमती होनी चाहिए
- दोनों को स्वीक्रति के लिए सक्षम व् स्वस्थ चित होना चाहिए
- दोनों पक्ष किसी निषिद्ध सम्बन्ध जैसे रक्त सम्बन्ध, गोद लिया गया सम्बन्ध में नहीं होना चाहिए
- दोनों पक्षों को अपना धर्म छोड़ने के लिए बाध्य नहीं किया जाता वह अपने धर्म को मानते ही भी यह विवाह कर सकते है
- तलाक लेने के लिए विवाह को एक वर्ष पूर्ण होना चाहिए इसके पश्चात् ही तलाक लिया जा सकता है
विवाह पंजीकरण कैसे किया जा सकता है
- विवाह पंजीकरण आवेदन को अपने क्षेत्र के SDM SUB DIVISIONAL MEGISTRATE के ऑफिस में आवेदन करना होता है
- आवेदन फार्म पर दोनों के फोटो व् हस्ताक्षर होने चाहिए
- आदेवन फार्म के साथ सलंगन किये गए सभी दस्तावेज वैध होने चाहिए जिसमे आपकी उम्र का प्रमाण पत्र सलंगन होना चाहिए
- अधिकारी द्वारा रजिस्ट्रेशन का आवेदन प्राप्त होने के बाद 30 दिनों का समय दिया जाता है यदि आवेदन के पश्चात् किसी को विवाह से कोई आपति होती है तो वह आपत्ति पत्र दायर कर सकता है इस समय में इस आपत्ति पत्र के आधार पर जाँच की जाती है और यदि जाँच में आपत्ति सही साबित होती है तब इस विवाह के लिए मना कर दिया जाता है
- विशेष विवाह अधिनियम 1954 में आवेदन रजिस्ट्रेशन 30 दिनों के पश्चात् दोनों पक्ष व् 3 गवाहों के समक्ष किया जाता है
- विवाह पंजीकरण की सभी प्रकिर्या पूर्ण होने पर आपको विशेष विवाह अधिनियम 1954 के आधार पर विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है जिसके आधार पर आप कानूनी रूप से पति पत्नी होते है और यह आपकी शादी का प्रमाण पत्र होता है
Special Marriage Act 1954 Vishesh Vivah Adhiniyam in Hindi
Special Marriage Act 1954 Vishesh Vivah Adhiniyam in Hindi
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