लिव-इन-रिलेशनशिप-live-in-relationship

लिव इन रिलेशनशिप live in relationship

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लिव इन रिलेशनशिप का मतलब एक लड़का और एक लड़की का शादी से पहले एक साथ रहना है इसे लिव इन रिलेशनशिप कहते है इसमें वह शादी से पहले एक दुसरे को समझना चाहते है की जिसके साथ वह अभी रह रहे है वह अपनी फ्यूचर लाइफ में उनके साथ रह सकते है या नहीं इसी लाइफ को जानने के लिए वह एक दुसरे साथ लिव इन में रहते है लिव इन रिलेशनशिप live in relationship

इस तरह का मॉडर्न प्रचलन कुछ समय से भारत में भी बढ़ता जा रहा है इसमें विवाहित महिला या पुरुष जिसका पूर्व पति या पत्नी से सम्बन्ध नहीं रहा हो एंव अविवाहित महिला एंव पुरुष एक साथ रहते है यहाँ जोड़े पर कोई नैतिक दबाव नहीं होता परन्तु अभी भी समाज में इस रिश्ते नैतिक रूप से नहीं मन जाता है समाज के अनुसार पुरुष व् स्त्री का विवाह होना चाहिए और उन्हें रीती रिवाजो के तौर पर ही रहना चाहिए

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मॉडर्न कल्चर का प्रचलन

समय के साथ सब बदल रहा है अब स्त्री अपनी इच्छा अनुसार पुरुष के साथ रहने में स्वतंत्र है इससे वह अपने साथी के साथ अधिक समय बिता सकती है और उसके व्यव्हार के बारे में जान सकती है समय के साथ उनके विचार मिलते है तब वह शादी कर लेते है जिस वक्त तक या जब तक वह साथ रहते है उस समय में बचा पैदा होता है तो उस बचे की जिम्मेदारी दोनों पर होती है इस समय में अगर पुरुष साथी अपनी साथी को छोड़ता है तब उस स्त्री का अधिकार है की वह भरण पोषण की मांग कर सकती है पुरुष साथी को उसकी इस मांग की पूर्ति करनी होती है अगर  लिव में साथ रहते हुए उनके विचारो में कोई असमर्थता आती है या उस समय बचा पैदा नहीं होता तब दोनों स्वतंत्र रूप से एक दुसरे से अलग हो सकते है

सुप्रीम कोर्ट ने इस केस पर साल 2010 में फैसला देते हुआ कहा किसी कपल का रात गुजारना या संग रहने से घरेलू सम्बन्ध स्थापित हुआ नहीं कहा जा सकता जब तक उनका रिश्ता प्रेमपूर्ण न चला हो

क्या लिव इन में जन्मी हुई संतान का माता पिता की सम्पति में अधिकार होगा

उचतम न्यायलय द्वारा कहा गया की कोई कपल लिव इन रिलेशनशिप में संग रहते हुए कोई संतान उत्पन करता है तो उस संतान का अपने माता पिता की सम्पति में पूर्ण रूप से अधिकार होगा और कपल दोनों में से कोई भी साथी इस जिम्मेद्दारी से पीछे नहीं हट सकता

 

क्या लिव इन रिलेशनशिप में महिला को भरण पोषण का अधिकार है

हाँ, लिव इन में रहने वाली महिला को भरण पोषण का अधिकार है महिला साथी पुरुष साथी से भरण पोषण की माँग कर सकती है और साथी पुरुष द्वारा यह कहकर की उनकी शादी कानूनी तोर पर नहीं हुई है इसलिय वह भरण पोषण देने का अधिकारी नहीं है इस तरह वह पीछे नहीं हट सकता लिव इन रिलेशनशिप live in relationship

 

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कानून द्वारा वैघ रिलेशनशिप

लिव इन रिलेशनशिप को घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 की धारा 2 f में कानूनी रूप से मान्यता प्रदान की गई है

  • एक घर में एक साथ पति पत्नी की तरह ही रहना होगा
  • पति एंव पत्नी को एक साथ घर का सामान सयुक्त रूप से इस्तेमाल करना होगा
  • कपल का पूर्व पति या पत्नी से रिश्ता समाप्त हो चूका हो
  • सोसाइटी में यह सम्बन्ध वैध एंव नैतिकता को दर्शाता हो

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